
अहमदाबाद: गुजरात में कांग्रेस की हुई हार पर पाटीदार नेताओं के हमदर्द बने हार्दिक पटेल का कहना था कि यह जीत भाजपा को पैसे के बल पर और ईवीएम पर छेड़छाड़ से प्राप्त हुई है। हार्दिक का गुस्सा ईवीएम पर फूटा है। इसके विपरीत भाजपा कार्यकर्ता हार्दिक पटेल के इस कथन पर उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि कड़ी सुरक्षा के बीच रखी गई ईवीएम मशीनों की देखभाल में कांग्रेस के कार्यकर्ता भी लगे हुए थे, अगर बात ईवीएम में छेड़छाड़ की थी तो आखिर वह कार्यकर्ता क्या कर रहे थे। इतनी लंबी तादात में अगर ईवीएम पर हैक किया जाता तो शायद 2 मिनट का समय भी किसी ईवीएम में कम पड़ जाता। किस तरह की राजनीत हो रही है देखकर विपक्ष की मानसिकता पर हंसी आती है।
हार्दिक पटेल ने कहा यह कोई चाणक्य की नीति नहीं है कि जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की हो, पैसे के बल पर भाजपा ने यह जीत हासिल की है। इसी वजह से उसे 200 से भी कम वोटों से कई जगह जीत हासिल हुई है। हार्दिक पटेल ने भाजपा का दिल से अभिनंदन ना करते हुए कहा ईमानदारी से यदि चुनाव हुआ होता तो भारतीय जनता पार्टी निश्चित रूप से हारती। उनका कहना था कि ईवीएम के खिलाफ सभी विपक्षियों को एक होना चाहिए। प्रदेश में 12-13 सीटों पर तो हार-जीत का अंतर बहुत ही कम रहा और मैं पिछले काफी समय से इन सीटों को लेकर सवाल भी खड़े करता रहा हूं । मेरा मानना अभी भी यह है कि कांग्रेस 100 से 102 सीट जीती है। ईवीएम के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी यदि किसी को यह लग रहा है कि यह हरिश्चंद्र की मोहर लगी हुई है तो हम ऐसा नहीं कहते हैं।
हार्दिक ने कहा हमारा देश लोकतांत्रिक है। ईवीएम सिर्फ भविष्य तय करता है। सूरत में एक लाख पटेल समुदाय का वोट है, हम सभी को एकजुट होकर ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहिए। हार्दिक पटेल ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा मानसा, कामरेज, बराछ, राजकोट के अंदर कई जगहों पर ईवीएम बिना सील के ही खुले मिले। जब उनसे इस बात को पूछा गया कि अब राहुल गांधी से उनके संबंध किस तरह से होंगे, तो उन्होंने कहा ढाई साल बाद इस विषय पर सोचूंगा। अभी गांवों में नहीं घूमा हूं, लेकिन अब घूमूंगा। उन्होंने 25 दिसंबर से फिर से एक बार आंदोलन को कहा। इसके साथ ही विधानसभा में पाटीदार के आरक्षण, किसानों के मामलों को तेज करने को कहा।
जब हार्दिक पटेल से यह पूछा गया कि आखिर उन्होंने क्यों ईवीएम हैक करने की चुनौती को स्वीकार नहीं किया, इस सवाल को घुमाते हुए कहा सोर्स कोड के द्वारा ऐसा किया जा सकता है। हर चीज संभव हो सकती है । जैसे डॉक्टर इंसानी शरीर में तब्दीली करता है वैसे ही मशीन में तब्दीली हो सकती है। हम इसके विरुद्ध सबूत खोजेंगे और देश के सभी विपक्षी दलों से यह कहेंगे कि बैलेट पेपर से चुनाव हो। गौरतलब है कि गुजरात और हिमाचल राज्यों में बीजेपी सरकार बनती दिखाई दे रही है गुजरात में जहां 98 सीटों पर बीजेपी आगे है वही कांग्रेस 81 पर।